पोथी सौमुख धार कै, श्री मन कथा सुनाए । जनार्दन की छाँड़ कै, आपनी गाए जाए ।११९१। भावार्थ - एक लाम्बी पोथी आग्गै धर ली, महाराज कथा सुनावै हैं । जनार्दन की तो छोड़ दी, अपनी गा जाए है ॥ टीका : -- "जे मैने अपणी चालु कर दी.....तो दुसरो जनम लेणो पड़ोगो"
प्रश्नों से भ्रमित न हो
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पोथी सौमुख धार कै, श्री मन कथा सुनाए ।
जनार्दन की छाँड़ कै, आपनी गाए जाए ।११९१।
भावार्थ - एक लाम्बी पोथी आग्गै धर ली, महाराज कथा सुनावै हैं । जनार्दन की तो छोड़ दी, अपनी गा जाए है ॥
टीका : -- "जे मैने अपणी चालु कर दी.....तो दुसरो जनम लेणो पड़ोगो"
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